कोरोना वायरस टेस्टिंग

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आसान से कुछ उपाय जो कोरोना वायरस के खिलाफ आपकी लड़ाई को कम मुश्किल बना सकते हैं

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के खतरनाक स्वरूप को देखते हुए कई विशेषज्ञ मान रहे हैं कि एक बड़ी आबादी का अब इसकी चपेट में आना तय है

सत्याग्रह ब्यूरो | 20 जून 2020 | फोटो: फैक्टली.इन

मास्क, सफाई और सोशल डिस्टेसिंग जैसी जरूरी सावधानियां रखकर कोरोना वायरस के संक्रमण से काफी हद तक बचा जा सकता है. फिर भी कई जानकार मानते हैं कि जिस तरह से यह बढ़ रहा है उसके चलते यह कहा जा सकता है कि दुनिया की आबादी के एक बड़े हिस्से को इसकी चपेट में आना ही है. कुछ समय पहले लंदन के चर्चित इंपीरियल कॉलेज ने अपने एक अध्ययन में अनुमान लगाया था कि ब्रिटेन और अमेरिका में 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है. कई जानकारों के मुताबिक बाकी देशों का हाल भी खास जुदा नहीं होने जा रहा. यानी हो सकता है कि दुनिया में अधिकतर लोगों की कश्ती को इस तूफान से गुजरना ही पड़े. इसलिए कई विशेषज्ञ मानते हैं कि अब डरने से ज्यादा समझदारी इस तूफान के लिए तैयारी करने में है.

कोरोना वायरस का अलग से कोई इलाज नहीं है. संक्रमण के लक्षणों को काबू में रखकर इसका इलाज करने की कोशिश की जाती है. अगर किसी व्यक्ति में इसके लक्षण विकट नहीं होते हैं तो वह कुछ दिनों में इससे अपने आप ही ठीक हो जाता है. ऐसे मामलों की संख्या लगभग 80 फीसदी होती है. बाकी लोगों को (लक्षणों के) इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है. ऐसे में कोरोना वायरस से मुकाबले की तैयारी दो स्तरों पर की जा सकती है. इनमें से पहला अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाना है ताकि आपका शरीर इससे लड़ाई करने के लिए तैयार हो. और दूसरा इस बात का इंतजाम करना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण होते ही इसके लक्षणों को काबू में रखने के हमारे प्रयास भी चालू हो जाएं ताकि ये लक्षण इतने न बिगड़ें कि हमें अस्पताल या आईसीयू में दाखिल होना पड़े. इस समय अस्पताल में भर्ती होना बहुत मुश्किल है और महंगा भी.

लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों को इसका पता कई दिन बाद ही चल सकता है और तब तक उनमें से कुछ के लक्षण बिगड़ चुके होते हैं. तो फिर क्या किया जाए? किया यह जाए कि अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ कोरोना संक्रमित न होने पर भी उसके लक्षणों को काबू में रखने के कुछ साधारण व नुकसानरहित प्रयास करते रहा जाए. यानी कि अपने खान-पान और आदतों में कुछ ऐसी चीजें भी शामिल की जाएं जो कोरोना वायरस के लक्षणों को कम करती हैं और कुछ ऐसी चीजों को इनसे बाहर करें जो इन लक्षणों को विकट बना सकती हैं. ऐसा करने से कोरोना संक्रमित होने पर हमारा एक दिन भी खराब नहीं होगा और शुरू से ही हमारे लक्षणों का उपचार चलता रहेगा.

इसके उदाहरण के तौर पर जब तक कोरोना का प्रकोप है हम ठंडी चीजें खाना और पीना बंद कर सकते हैं. क्योंकि संक्रमण होने पर इसके बारे में पता न चलने तक अगर हम कुछ दिन भी ठंडा खाते-पीते रहे तो यह हमारे लक्षणों को विकट कर सकता है. और अगर हम कुछ दिनों के अंतराल पर हम बिना जरूरत के भी भाप लेते रहें तो यह हमारे श्वसन तंत्र को हमेशा साफ-सुथरा रखेगा. ऐसे में संक्रमण होने पर हमें श्वसन तंत्र से जुड़ी परेशानियों से कम जूझना पड़ेगा क्योंकि इसकी शुरुआत से ही हम इसका एक किस्म का उपचार भी कर रहे होंगे.

भोजन

स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता का एक अहम आधार है खान-पान. विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो खान-पान संबंधी अच्छी आदतें आपको हमेशा ही अपनानी चाहिए, फिर भी कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में इनकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है. और इन आदतों के लिए आपको अलग से जाकर कोई विशेष उपाय भी करने की जरूरत नहीं है. अपनी रोजमर्रा के खाने को समय पर खाना और इसमें तरह-तरह की चीजें शामिल करना कोरोना वायरस के खिलाफ आपके मोर्चे को मजबूत कर सकता है.

सुबह की चाय हममें से ज्यादातर की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है. जानकारों के मुताबिक अगर आप चाय में दूध की जगह नींबू शामिल कर लें तो इसका आपको काफी फायदा होगा. तब यह एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी के मेल वाली लेमन टी हो जाएगी जो न सिर्फ कोरोना वायरस जैसे संक्रमण के खिलाफ आपकी प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाएगी बल्कि हल्के संक्रमण, जिससे ज्यादातर लोगों का सामना तय दिख ही रहा है, के दौरान आपको आराम पहुंचाने और जल्दी उबारने में भी मददगार साबित होगी. चाय न पीने के शौकीन सुबह नींबू और शहद वाला गुनगुना या गरम पानी पी सकते हैं. नींबू के बारे में तो हमें पता ही है और शहद खांसी-जुकाम के लक्षणों से भी गले को राहत देता है. एक साक्षात्कार में दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के डॉक्टर रोमेल टिकू कहते हैं, ‘ये घरेलू नुस्खे आपकी इम्यूनिटी से जुड़े होते हैं. अगर आपकी इम्यूनिटी थोड़ी बेहतर हो जाएगी तो आपको इंफेक्शन नहीं होंगे.’

अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं तो आप अपनी शाम की चाय में दालचीनी, अदरक, लौंग और काली मिर्च डालकर पी सकते हैं. नहीं शौकीन हैं तो भी फिलहाल इस तरह की एक चाय रोज़ पीने में कोई बुराई नहीं है. आप चाहें तो इसमें शक्कर की जगह गुड़ या शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं. और अगर आप रोज दूध पीने वालों में से हैं तो दूध के गिलास में थोड़ी हल्दी डाल सकते हैं. इसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है और इसका सुझाव आयुष मंत्रालय ने भी दिया है. हर घर की रसोई में पाई जाने वाले इन आम सी चीजों में एंटीवायरल होने से लेकर खांसी में आराम पहुंचाने तक तमाम गुण छिपे हैं. यानी ये कोरोना वायरस से बचाने और संक्रमण होने पर उससे उबरने की संभावना में मददगार हो सकती हैं.

इसके अलावा खाने में कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिनसे आपको बचने की जरूरत है. मसलन अगर आप मीठे के काफी शौकीन हैं तो अपनी इस आदत को कम से कम करने की कोशिश करें. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक आपको ऐसी चीजों का इस्तेमाल कम करना चाहिए जिनमें वसा (फैट), चीनी और नमक का स्तर ज्यादा हो क्योंकि इनका आपकी इम्यूनिटी पर बुरा असर पड़ता है. और जैसा कि हम ऊपर पढ़ ही चुके हैं कि फिलहाल आपको फ्रिज के ठंडे पानी और कोल्ड ड्रिंक्स-आइसक्रीम से भी परहेज करना चाहिए. कोरोना वायरस के इस दौर में आप निश्चित तौर पर नहीं चाहेंगे कि ये चीजें गलत वक्त पर आपका गला पकड़ लें और आपके लिए हालात मुश्किल कर दें.

नींद

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को रीचार्ज होने के लिए अच्छी नींद यानी पर्याप्त आराम की जरूरत होती है. अगर नींद पर्याप्त नहीं होगी तो तनाव बढ़ेगा और इसका सीधा असर आपकी इम्यूनिटी पर पड़ेगा. इसलिए विशेषज्ञों के मुताबिक रोज सात-आठ घंटे की नींद जरूर सुनिश्चित करें. नींद आपके स्वास्थ्य का दूसरा प्रमुख आधार है. अगर आप स्वस्थ रहेंगे तो कोरोना वायरस के आपको संक्रमित करने की संभावना घट जाएगी और अगर आपको संक्रमण हो भी गया तो एक स्वस्थ शरीर में इससे लड़ने की ताकत बनिबस्त ज्यादा होगी. एक साक्षात्कार में अटलांटा स्थित मनोविज्ञानी डॉ. लोरी व्हाटले का कहना है कि स्वस्थ रहने के लिए नींद और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है. वे कहती हैं, ‘ये वे चीजें हैं जिन पर हम नियंत्रण कर सकते हैं.’

फेफड़ों पर खास ध्यान

कोरोना वायरस का सबसे घातक हमला श्वसन तंत्र पर होता है जिसमें फेफड़े भी शामिल हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे में जरूरी है कि आप फेफड़ों की सेहत पर विशेष ध्यान दें. प्राणायाम को इनके लिए सबसे अच्छा व्यायाम कहा जाता रहा है. कोरोना वायरस के संदर्भ में कपालभाति प्राणायाम को बेहतर बताया गया है. भस्त्रिका प्राणायाम से भी आपको मदद मिलेगी और इसके लिए अनुलोम-विलोम को भी किया जा सकता है. दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित होकर उबर आने वाले पहले मरीज रोहित दत्ता ने कहा था कि प्राणायाम से उन्हें तेज रिकवरी में मदद मिली. 45 साल के रोहित दत्ता कारोबारी हैं. उत्तर भारत में कोरोना वायरस के इस पहले मरीज ने ठीक होने के बाद कहा, ‘मैं कोविड-19 के मरीजों के लिए प्राणायाम का सुझाव दूंगा. यह रिकवरी में बेहद काम आता है. इससे एंग्जाइटी लेवल्‍स कम रखने में मदद मिलती है.’

इसके अलावा श्वसन तंत्र की सेहत बनाए रखने के लिए आप भाप भी ले सकते हैं. इससे न सिर्फ आपके फेफड़ों की शक्ति बढ़ेगी बल्कि संक्रमण की सूरत में आपको खांसी में आराम भी मिलेगा. जानकारों के मुताबिक जिस पानी की भाप लेनी है उसमें पुदीने की कुछ पत्तियां या पेपरमिंट या यूकेलिप्टिस ऑयल की कुछ बूंद डालने से इसका असर बढ़ जाता है. आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक दिन में एक बार पुदीने के पत्ते या अजवाइन डाल कर पानी की भाप लेनी चाहिए.

जैसा कि पहले भी जिक्र हुआ बुखार और सूखी खांसी इस संक्रमण के आम लक्षण हैं. इसके अलावा मरीजों में थकान, सांस लेने में तकलीफ, गला खराब होना और बदन दर्द जैसे लक्षण भी देखे गए हैं. तो अगर आप भी इनमें से कुछ या सभी लक्षण महसूस कर रहे हों तो आपको क्या करना चाहिए? विशेषज्ञों के मुताबिक इसके बाद आपको अपने आपको परिवार के बाकी लोगों से अलग-थलग करना होगा और डॉक्टरी परामर्श लेना होगा. अगर लक्षण हल्के हैं तो पैरासिटामोल और आईबूप्रोफेन जैसी आम दवाएं ली जा सकती हैं. लेकिन जैसे ही संभव हो डॉक्टरी मदद लेना जरूरी है. अस्पताल जाने से पहले ऐसा ऑनलाइन भी किया जा सकता है.

आखिर में एक बात और. ये सारे उपाय कोरोना वायरस से बचने या संक्रमण होने पर उससे उबर आने की गारंटी नहीं हैं. लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक इतना निश्चित है कि इनसे इस महामारी से अपेक्षाकृत आसानी से उबरने की संभावनाएं खासी बढ़ जाती हैं.

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