समाज | सिर-पैर के सवाल

क्या ठंड से बचने के लिए शराब का सहारा लेना अक्लमंदी का काम है?

सवाल जो या तो आपको पता नहीं, या आप पूछने से झिझकते हैं, या जिन्हें आप पूछने लायक ही नहीं समझते

अंजलि मिश्रा | 29 दिसंबर 2021

‘कौन कमबख्त बर्दाश्त करने को पीता है!’ देवदास के इस मशहूर संवाद से इतर जाएं तो बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो ठंड बर्दाश्त करने के लिए पीने-पिलाने का सहारा लेते हैं. हालांकि शराब के ऐसे शौकीनों की कमी भी नहीं है जो ठंड के मौसम को बहाने की तरह इस्तेमाल करते हैं, फिर भी यह बात अपनी जगह बिल्कुल सही है कि एल्कोहल की थोड़ी मात्रा आपको गर्माहट का एहसास करवाती है. ठंडे इलाकों में रहने वाले लोग इस उपाय का सहारा भी लेते हैं. अब सवाल उठता है कि शराब पीने से ठंड लगना क्यों बंद हो जाती है और क्या सच में ठंड से बचने के लिए शराब का सहारा लेना अक्लमंदी कही जा सकती है?

पहले यह जान लेते हैं कि शराब पीने से गर्माहट का एहसास क्यों होता है. दरअसल एल्कोहल हमारी रक्त वाहिनियों में बह रहे खून को थोड़ा पतला कर देता है जिससे रक्त प्रवाह त्वचा के थोड़े पास से होने लगता है. यानी कि जो खून पहले थोड़ी गहराई से बह रहा होता है, वह पतला होते ही रक्तवाहिनी की सभी दीवारों को छूने लगता है. गर्म रक्त के त्वचा के पास आ जाने से त्वचा के हीट सेंसिटिव न्यूरॉन्स (थर्मोरिसेप्टर्स) सक्रिय हो जाते हैं और दिमाग को यह संदेश भेजते हैं कि अब शरीर को गर्मी मिल रही है. यही कारण है कि शराब पीने के थोड़ी देर बाद हमें गर्माहट का एहसास होता है.

अब इस सवाल पर आते हैं कि क्या बार-बार ठंड से बचने के लिए शराब का सहारा लेना समझदारी कही जा सकती है. इसका जवाब है – नहीं, क्योंकि शराब पीने के बाद हमें एहसास तो गर्मी का हो रहा होता है, लेकिन असल में हम भीतर से ठंडे हो रहे होते हैं. इसका कारण यह है कि एक तो रक्त प्रवाह का क्षेत्र बढ़ जाने से रक्त को गर्म रखने में शरीर की ज्यादा ऊष्मा खर्च हो रही होती है यानी आपका कोर बॉडी टेम्प्रेचर कम हो रहा होता है. कोर बॉडी टेम्प्रेचर शरीर का वह तापमान है जो ठंडे मौसम में शरीर का तापमान संतुलित बनाए रखने के लिए जरूरी होता है. इस तरह यह कहा जा सकता है कि शराब पीने से आपको ठंड लगनी तो कम हो जाती है, लेकिन इसके साथ-साथ धीरे-धीरे आपका शरीर ठंडा हो रहा होता है.

लगातार ऐसा करने से हाइपोथर्मिया होने का खतरा बढ़ जाता है. हाइपोथर्मिया वह मेडिकल कंडीशन है जब शरीर सामान्य से ज्यादा तेजी से हीट पैदा करता है, जिससे शरीर का भीतरी तापमान कम होता चला जाता है. इसके अलावा कुछ शोध बताते हैं कि लगातार गर्माहट के लिए शराब पीने का असर न सिर्फ कोर बॉडी टेम्प्रेचर को कम करता है बल्कि मस्तिष्क पर भी बुरा असर डालता है.

>> सत्याग्रह को ईमेल या व्हाट्सएप पर प्राप्त करें

>> अपनी राय mailus@satyagrah.com पर भेजें

  • आखिर कैसे एक जनजातीय नायक श्रीकृष्ण हमारे परमपिता परमेश्वर बन गए?

    समाज | धर्म

    आखिर कैसे एक जनजातीय नायक श्रीकृष्ण हमारे परमपिता परमेश्वर बन गए?

    सत्याग्रह ब्यूरो | 19 अगस्त 2022

    जवाहरलाल नेहरू अगर कुछ रोज़ और जी जाते तो क्या 1964 में ही कश्मीर का मसला हल हो जाता?

    समाज | उस साल की बात है

    जवाहरलाल नेहरू अगर कुछ रोज़ और जी जाते तो क्या 1964 में ही कश्मीर का मसला हल हो जाता?

    अनुराग भारद्वाज | 14 अगस्त 2022

    प्रेम के मामले में इस जनजाति जितना परिपक्व होने में हमें एक सदी और लग सकती है

    समाज | विशेष रिपोर्ट

    प्रेम के मामले में इस जनजाति जितना परिपक्व होने में हमें एक सदी और लग सकती है

    पुलकित भारद्वाज | 17 जुलाई 2022

    संसद भवन

    कानून | भाषा

    हमारे सबसे नये और जरूरी कानूनों को भी हिंदी में समझ पाना इतना मुश्किल क्यों है?

    विकास बहुगुणा | 16 जुलाई 2022